-मार्शल आर्टस में पी.एच.डी. करने के साथ
कई वर्ल्ड चेम्पियनशिप जीतीं।
-मार्शल आर्टस को विश्व के कौने-कौने तक पहुंचाने का साधा लक्ष्य।
कपूरथला -पंजाब प्रदेश जहां अपनी विरासत के लिए विख्यात है, उसी पंजाब का छोटा सा जिला कपूरथला जो पैरिस के नाम से जाना जाता है। उसी पैरिस कहे जाने वाले जिला कपूरथला की सौंधी मिट्टी ने कई नामचीन खिलाड़ियों को पैदा कर खेल जगत में विश्वस्तरीय पहचान की दास्तान लिखी है। हम बात कर रहे हैं, जिले कपूरथला के सामान्य परिवार में जन्में जसवीर सिंह की जो ऐसा बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जिसने वर्षों पहले कपूथला में सम्मानित पत्रकार के रूप में प्रसिद्धि पायी तथा खेल जगत में भी जहां अपनी अभूतपूर्व प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन कर विश्व में पहचान बनायी। युवा जिन्हें फादर ऑफ मार्डन मार्शल आर्ट्स कहकर सम्बोधित करते हैं। वहीं दूसरी तरफ़ विश्व की महाशक्ति अमेरिका में जाकर अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से प्रैसीडेंट ट्रम्प के एडवाइजरी बोर्ड के मेम्बर बने। इसके अलावा मार्शल आर्ट्स को विश्व के कौने-कौने में पहुंचाने के लिए खासतौर पर बच्चियों को आत्मनिर्भर आत्मसुरक्षित बनाने हेतु उन्होंने कई देशों की यात्राएं कर कई मार्शल आर्ट्स केन्द्र खुलवाये । आज कपूरथला के इस लाल की खुद की वर्ल्ड मार्शल आर्ट्स काउंसिल नाम से अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो पूरी दुनिया में आत्मसुरक्षित बनने की ताकत का पर्याय बन चुकी है। बता दें कि ग्रैंड मास्टर डॉ जसबीर सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं उनके पास बराक ओबामा द्वारा सम्मान पत्र के अतिरिक्त सैंकड़ों देश विदेशी सम्मान हासिल हैं। युवाओं को आत्मसुरक्षित बनाने की उनकी इस जुनूनी लगन के कारण आज वह देश – विदेश में कई संस्थाओं के साथ जुड़ कर अपनी सेवाएं दे रहे है। फोन पर हुई बातचीत में ग्रैंड मास्टर डॉ जसबीर सिंह ने अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताया—
प्रश्न: उनका पूरा नाम क्या है? वर्तमान में कहां रहते है?
उत्तर-उन्होंने बताया कि मार्शल आर्टस में पी.एच.डी. की होने के कारण उनका पूरा नाम ग्रैड मास्टर प्रो. डा. जसबीर सिंह है और वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ अमेरिका के शहर कैलीफोर्निया में रहते हैं।
प्रश्न: मार्शल आर्टस को ही अपने करियर के रूप में क्यों चुना?
उत्तर: उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही ब्रूसली की फिल्मों काफी प्रभावित करती थीं, जिसके बाद मैंने मार्शल आर्टस को अपने करियर के रूप में चुना। आगें वह कहते हैं कि मेरे लिए मार्शल आर्ट्स मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। आज मैं कह सकता हूं कि मार्शल आर्ट एक जीने की अद्भुत कला का नाम है। यह लोगों को सुरक्षा देने का एक सुअवसर है। जिसे मैं सर्वसुलभ करने को संकल्पित हूं।
प्रश्न: मार्शल आर्ट् में इतना ऊंचा मुकाम पाने के अलावा वर्तमान में आप विश्वहित में और क्या नया कर रहे है?
उत्तर: डा. जसबीर सिंह, वर्ल्ड मार्शल आर्ट्स काउंसिल के प्रेसीडेंट एण्ड फाऊंडर हूँ और गवर्नमेंट ऑफ इंटरनेशनल यूनाइटेड किंगडम एसोसिएशन कॉमनवेल्थ कंट्री का यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्टर हूं ।इसके अलावा वर्तमान में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजरी बोर्ड का ऑफिशयल मेम्बर हूं तथा कई इंटरनेशनल यूनीवर्सिटी, पीस पुलिस ऑर्गेनाइजेशन और कई सोसल वर्क करने वाली संस्थाओं से भी जुड़ा हूं।
प्रश्न : अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेगें?
उत्तर: डा. जसबीर ने मुस्कुराते हुए कहा कि हर कामयाब व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है और मेरी ‘माँ ने हर समय मेरा साथ दिया। मेरा मानना है कि माँ से अधिक कोई और आपका सच्चा सलाहकार नहीं हो सकता।
प्रश्न: विश्व के युवाओं के लिए आप क्या सोचते हैं?
उत्तर: उन्होंने कहा कि मेरे भारत के कई राज्यों में मार्शल आर्ट्स केन्द्र हैं, परंतु मैं विश्व के हर कोने में मार्शल आर्ट्स केन्द्र खोलना चाहता हूं, जिससे दुनिया का प्रत्येक बच्चा, विशेषकर हमारी बच्चियां आत्मानुशासित, सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बन सके।
प्रश्न: इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहेगें?
उत्तर: मार्शल आर्ट्स एक तपस्या है एक जीने की कला है। जिसे समझने के लिए इसे जीना पड़ता है। फिर एक दिन हम इसमें खुद को स्वत: ही ढ़ाल लेते हैं। युवाओं को यही कहूंगा कि मार्शल आर्ट का कोई शॉर्टकट नहीं है। आप बस, वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, हाथ में ध्वजा रहे, बल दल सजा रहे, तुम निडर डटे रहो। एक दिन विजयश्री स्वंय आपका विजय तिलक कर देगी।
प्रश्न: अब तक आपकी क्या उपलब्धियां रहीं ?
उत्तर: मैंने मेरे जीवन में पांच वर्ल्ड मार्शल आर्ट चैम्पियनशिप खेलीं हैं और जीतीं हैं जिनमें
1- वर्ल्ड मार्शल आर्ट एंड किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 10-12 नवम्बर 2000 इटली में 5वें स्थान पर जीत।
2-वर्ल्ड ताइक्वांडो डू मूडो चैम्पियनशिप 18-19 नवम्बर 2000 पेरिस में तीसरा कांस्य पदक जीता।
3. 12वें इंटरनेशनल मुयेथाई और कराटे चैम्पियनशिप 20-22 फरवरी 2001 थाईलैंड में सिल्वर मैडल जीता।
4. 8वें अंतरराष्ट्रीय कराटे एंड किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 23-25 मई नेपाल में तीसरा कांस्य पदक जीता।
5. एसोचायज़िओन सेंट्री स्पोर्टिवी अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 15 मई 2005 इटली में प्रथम स्वर्ण पदक जीता ।
सच बोलूं तो मैं अपने लाइफ का पहला स्टेट मैच हारा था और इसीलिए शायद में आज जीता हुआ एक सफल खिलाड़ी हूं। मेरा अनुभव है कि जो हार से डर गया वह जीत का स्वाद भी नहीं चख सकता।
आकांक्षा सक्सेना, पत्रकार
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