No 1 News Portal
Advertisement
  • समाचार
    • विचार
    • मनोरन्जन
    • आर्थिक
    • समाज
  • विजनेस
  • राजनीति
  • अन्तराष्ट्रिय
  • खेलकुद
  • जीवनशैली
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • सूचना-प्रविधि
TV LIVE
No Result
View All Result
  • समाचार
    • विचार
    • मनोरन्जन
    • आर्थिक
    • समाज
  • विजनेस
  • राजनीति
  • अन्तराष्ट्रिय
  • खेलकुद
  • जीवनशैली
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • सूचना-प्रविधि
No Result
View All Result
No 1 News Portal
No Result
View All Result

बिहार चुनाव में हाहाकार


बिहार चुनाव में हाहाकार

बिहार चुनाव : [नेता ही जीतेगें, जनता ही हारेगी]

                   वर्तमान समय में पहले ही हमारा देश कोरोना के कारण आर्थिक  मोर्चे पर बुरी तरह कमजोर हो गया है। इसकी वजह से सकल घरेलू उत्पाद शून्य से भी नीचे गिर गया है। ऐसे में बेरोजगारी काफी बढ़ गयी है ।इसी बीच बिहार में चुनाव की सरगर्मी काफी बढ़ गयी है। गौरतलब है कि भारत वर्ष का सबसे गौरवशाली साम्राज्य मगध और ढाई हजार साल से मगध की राजधानी पाटलिपुत्र।  भारतीय इतिहास के सबसे स्वर्णिम पन्नों में लिपटा है बिहार। चाहे वो बात रामायण काल में देवी सीता के जन्म से जुड़ी हो या महाभारत के दौर में राजा जरासंध के राज की। बिहार की धरती ने ही अशोक के रूप में दुनिया को पहला सम्राट दिया था। लिच्छवी राजाओं के जरिये संपूर्ण जगत को पहले लोकतांत्रिक गणराज्य की अवधारणा से अवगत कराया। भगवान बुद्ध से लेकर महावीर की भूमि ‘बिहार’।वहींनालंदा तक्षशिला जैसी विश्वविरासत को थामे बिहार अपने भविष्य को एक टक देखे जा रहा है कि अगला राजा यानि अगला नेता कौन आयेगा? कौन दिलायेगा बिहारियों को सम्मान? कौन करेगा बिहार का बेड़ा पार? देखा जाये तो बिहार भारत का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की आबादी 10.4 करोड़ थी। बिहार की आबादी ब्रिटेन, फ्रांस या इटली जैसे देशों की आबादी से अधिक है। इस चुनाव लगभग 7.29 करोड़ लोग वोटिंग के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। विडंबना यह है कि आज़ादी के 70 सालों बाद, आज भी बिहार देश का चौथा सबसे पिछड़ा राज्य है जहाँ गरीबी रेखा दर  34% है। साक्षरता के दर में भी बिहार 65% से भी कम साक्षरता के साथ देश के राज्यों की सूची में अंतिम पायदान पर है पर फिर भी गरीबी को मात देकर आज भी बिहार से देश का लगभग हर दसवां ब्यूरोक्रेट बिहार से है। सिविल सर्विसेज परीक्षा हो या कोई भी प्रतियोगी परीक्षा बिहार के लाल ही सबसे ज्यादा सफल होते हैं।  फिर भी यहाँ बेरोजगारी और बदहाली देश में सबसे अधिक है। कितना दुखद है कि बिहारी कहकर दिल्ली वाले लोग कभी उन्हें सम्मान नहीं देते। लोग उन्हें चोर कहकर सम्बोधित करने में पीछे नहीं रहते। सुशांत केस में ही मुम्बई पुलिस ने बिहार पुलिस को कैसे अपमानित किया जग-जाहिर है। इस बार बिहार में सुशांत सिंह राजपूत मर्डर भी मुद्दा है, बेरोजगारी भी और कोरोना भी, इन सब से कराहती जनता क्या फैसला करेगी ये तो समय की बंद मुट्ठी में ही कैद है। सवाल यह भी है कि जहां आज कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी बिहार में अपना अस्तित्व तलाश रही है उसमें बिहार का वोटर अपना भविष्य कैसे तलाश सकता है।
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले केस में जेल में हैं और उनके परिवार की आपसी तनातनी जो 2019 के लोकसभा चुनावों में जग-जाहिर हुई थी। जोकि आर. जे. डी और बिहार के मतदाता के बीच की सबसे बड़ी फांस है। अपने विपक्षी राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी से कोई भी राजनैतिक पार्टी लड़कर जीत सकती है लेकिन जब दल बल घर ही ही राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी हो तो तब चुनाव जनता के लिए खुद के लिए लड़ा जाता है।बता दें कि लालू परिवार को राघोपुर की सीट 1980 से 1995 तक यहां से लगातार तीन बार विधायक रहे समाजवादी नेता उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने दी थी। वर्तमान में यह सीट लालू परिवार की परंपरागत सीट बन गई है। 2010 को छोड़ दिया जाए तो लगभग 1995 के बाद से यहां हर साल लालू परिवार का कोई सदस्य चुनाव जीतता रहा है। समीकरणों की बात करें तो राघोपुर सीट यादव बहुल मानी जाती है। यहां ज्यादातर चुनाव में 2 यादवों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है। इस बार भी यहां दो यादव के बीच मुकाबला है। आरजेडी और भाजपा दोनों की ही नजर यादव वोटों पर है। इसके अलावा यहां लगभग 60,000 राजपूत व अन्य जाति के मतदाताओं की भी संख्या ज्यादा है। जिसके प्रभाव से चुनावी समीकरण बन व बिगड़ सकते हैं। कोई भी जीते पर जनता हमेशा हारती है क्योंकि जनता को वैसे भी वादों के दंशों के सिवाय मिला ही क्या है? आज भी लोगों ने पानी की कमी से सरकारी लोगों की बांट जोहते जोहते थकीं आखों से, हड़ कर खुद ही खुरपी कुदाल से पूरे पूरे कुएं व तालाब नहर तक खोद डालीं है। इसपर स्थानीय नेताओं को चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए कि आप गरीबों को पानी तक उपलब्ध नहीं करा सकते बेचारों को स्वंय कुएं तक खोदने पड़ गये। यह हाल इसी कोरोनाकाल में दुनिया ने देखा है कि किस पार्टी ने गरीबों की जरूरतमंदों की कितनी मदद की है? जनता सब समझती है, जनता कुछ भी भूली नहीं है।
बता दें कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार में 56.8% उच्चतम मतदातन दर्ज किया गया था। कोरोना संकट के कारण दुनियाभर के 70 देशों में चुनावों को टाला गया। बिहार चुनाव के तारीखों की घोषणा करते वक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार के चुनाव को कोरोना काल का सबसे बड़ा चुनाव बताया था।  कोरोना को देखते हुए 6 लाख पीपीई किट राज्य चुनाव आयोग को देने औरचुनाव के दौरान करीब 46 लाख मास्क, 6.7 लाख फेस शील्ड, 23 लाख जोड़े हैंड ग्लव्स और 7 लाख से ज्यादा हैंड सेनेटाइजर यूनिट की व्यवस्था की बात चुनाव आयोग की तरफ से कही गई। मतदाताओं के लिए 7.2 करोड़ सिंगल यूज्ड हैंड ग्लव्स की व्यवस्था की गई है।परिणामस्वरूप  मोदी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी से निपटने और प्रबंधन के प्रतिबिंब के रूप में भी देखा जाएगा। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में भी इसकी बानगी देखने को मिल सकती है। जहां अप्रैल-मई 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अभी से अपनी आंखें गड़ाए बैठी है। अब ग़र बात करें बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री यानि सुशासन बाबू नीतीश कुमार की तो उन्होंने जेडीयू की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और मनोरमा देवी जिनके पतिदेव को स्थानीय बाहूबली दबंग कहते नहीं थक रहे कि यह नेता बने तो सभ्य कहां जायेगें? जो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं उन्हें टिकट देकर बिहार की बेटियों को एक अनजाना भय और दर्द ब्याज में दिया है। यही हाल लगभग सभी पार्टियों का है सभी के दामन में दागी लोग हैं जो चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।बात करें तो बीजेपी भी दूध से धुली नहीं है, नवादा से बीजेपी की वर्तमान विधायक अरुणा देवी को एकबार फिर टिकट दिया गया है जिनके पति 2004 के नवादा नरसंहार के आरोपी हैं। 2009 में उनके पतिदेव अखिलेश सिंह ने जब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा था तो अपने ऊपर 27 आपराधिक मामले चलने की बात स्वीकार की थी। आरजेडी की ओर से वैशाली की प्रत्याशी वीना सिंह पूर्व सांसद रामकिशोर सिंह की पत्नी हैं जिनपर अपहरण से लेकर हत्या तक के संगीन आरोप हैं। यह चुनाव बिहार की जनता से दो दो हाथ करने का होगा क्योंकि बिहार की जनता के तलवों की बिवाई, अभी भी रिस रही है। यकीनन सबकुछ बिहार की जनता के सामने है निर्णय बिहार की हतास जनता को करना है कि वह वोट का बहिष्कार करे या नोटा दबाये या कांग्रेस, बीजेपी, आदि को जिताकर फिर से अपने सुनहरे भविष्य के सपने देखे।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

Share this:

  • Twitter
  • Facebook

Like this:

Like Loading...
Tags: #world
नेपाल एक्सन

नेपाल एक्सन

सम्बन्धित खबर

रेडियोहरुको स्तर उन्नतिको लागी अन्तरक्रिया

रेडियोहरुको स्तर उन्नतिको लागी अन्तरक्रिया

जनताको आशा,भरोसाको केन्द्र बन्दै जसपा

जनताको आशा,भरोसाको केन्द्र बन्दै जसपा

जनभावनाको १० औं वार्षिक साधारण सभा सम्पन्न

जनभावनाको १० औं वार्षिक साधारण सभा सम्पन्न

एसईई चैत १७ देखि (परीक्षा तालिकासहित)

एसईई चैत १७ देखि (परीक्षा तालिकासहित)

पोखरा अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल: चिनियाँ ब्याङ्कको ऋण तिर्ने समय अर्को वर्षबाट आरम्भ हुने

पोखरा अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल: चिनियाँ ब्याङ्कको ऋण तिर्ने समय अर्को वर्षबाट आरम्भ हुने

महिनौं देखि बिधालय बन्द बिद्यार्थीको भबिस्यसंग खेलवाड स्थानीय सरकार मौन

महिनौं देखि बिधालय बन्द बिद्यार्थीको भबिस्यसंग खेलवाड स्थानीय सरकार मौन

Next Post
कोभिड-१९ महामारीको बीचमा चीनको विश्‍वव्यापी प्रतिष्ठामा धक्का !

कोभिड-१९ महामारीको बीचमा चीनको विश्‍वव्यापी प्रतिष्ठामा धक्का !

हङहङका प्रदर्शनकारीहरुलाई गोली हानी नियन्त्रण, कम उमेरकालाई पनि जेल सजाय

हङहङका प्रदर्शनकारीहरुलाई गोली हानी नियन्त्रण, कम उमेरकालाई पनि जेल सजाय

उइगरमाथिको चिनियाँ अत्याचारलाई अमेरकाले बुझ्‍नुपर्छ, चीन नरसंहारभन्दा कम छैन

उइगरमाथिको चिनियाँ अत्याचारलाई अमेरकाले बुझ्‍नुपर्छ, चीन नरसंहारभन्दा कम छैन

Leave a Reply Cancel reply

ताजा समाचार

रेडियोहरुको स्तर उन्नतिको लागी अन्तरक्रिया

रेडियोहरुको स्तर उन्नतिको लागी अन्तरक्रिया

जनताको आशा,भरोसाको केन्द्र बन्दै जसपा

जनताको आशा,भरोसाको केन्द्र बन्दै जसपा

जनभावनाको १० औं वार्षिक साधारण सभा सम्पन्न

जनभावनाको १० औं वार्षिक साधारण सभा सम्पन्न

भारतमा आकाशमै आगो लागेर सेनाको लडाकु विमान खस्यो

भारतमा आकाशमै आगो लागेर सेनाको लडाकु विमान खस्यो

एसईई चैत १७ देखि (परीक्षा तालिकासहित)

एसईई चैत १७ देखि (परीक्षा तालिकासहित)

पोखरा अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल: चिनियाँ ब्याङ्कको ऋण तिर्ने समय अर्को वर्षबाट आरम्भ हुने

पोखरा अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल: चिनियाँ ब्याङ्कको ऋण तिर्ने समय अर्को वर्षबाट आरम्भ हुने

राष्ट्रपतिमा राष्ट्रिय सहमति खोज्ने माओवादीको निर्णय

राष्ट्रपतिमा राष्ट्रिय सहमति खोज्ने माओवादीको निर्णय

महिनौं देखि बिधालय बन्द बिद्यार्थीको भबिस्यसंग खेलवाड स्थानीय सरकार मौन

महिनौं देखि बिधालय बन्द बिद्यार्थीको भबिस्यसंग खेलवाड स्थानीय सरकार मौन

आज विद्याकी देवी सरस्वतीको पूजा आराधना गरिँदै

आज विद्याकी देवी सरस्वतीको पूजा आराधना गरिँदै

अनेमसंघको संगठन सुदृढीकरण सम्बन्धी राष्ट्रिय कार्यशाला सम्पन्न

अनेमसंघको संगठन सुदृढीकरण सम्बन्धी राष्ट्रिय कार्यशाला सम्पन्न

नेपाल एक्सन मिडिया प्रा.लि. द्वारा सञ्चालित नेपाल एक्सन डटकम अनलाइन
www.nepalaction.com
ठेगाना: अनामनगर, काठमाडौं
+९७७-0१-000000
[email protected]

हाम्रो टिम

अध्यक्ष तथा प्रबन्ध निर्देशक : डा. कमलदीप अधिकारी

प्रधान सम्पादक : संजय यादव

मर्केटिङ्गका लागी

  • Privacy Policy

© 2022 Nepal Action - All Rights Reserved to Nepalaction.com .

No Result
View All Result
  • समाचार
    • विचार
    • मनोरन्जन
    • आर्थिक
    • समाज
  • विजनेस
  • राजनीति
  • अन्तराष्ट्रिय
  • खेलकुद
  • जीवनशैली
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • सूचना-प्रविधि

© 2022 Nepal Action - All Rights Reserved to Nepalaction.com .

 

Loading Comments...
 

    %d bloggers like this: